Monday, September 6, 2010

आंबेडकर के सपनों का भारत की कल्पना जायज़ : सिवाच

विश्वविद्यालय के कुलसचिव का स्वागत करती छात्राएं

दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत करते विश्वविद्यालय के कुलसचिव  डॉ. मनोज सिवाच

कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थी 
सिरसा 6 सितम्बर(सुनीत सरदाना) "आंबेडकर के सपनों का भारत" की कल्पना जायज़ है क्यूंकि एक वे ही ऐसे इंसान थे . जिन्होंने गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षा और वोट का अधिकार दिलवाया.जिसकी बदौलत आज वही गरीब और पिछड़े वर्ग के लोग जिन्होंने अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया,आज ऊंचे पदों पर विराजमान हैं.परन्तु जिन लोगों को उनके हक दिलवाने के लिए इतना कुछ किया,फिर भी उनकी एक फोटो तक घरों में नहीं है, जो हमारे लिए शर्म की बात है. यह कहना है चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.मनोज सिवाच का,वे विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में डॉ. भीमराव आंबेडकर स्टुडेंट वेलफेयर ऐसोसियेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे. 
उन्होंने यह भी कहा की पिछड़ी जाति के बच्चों के अधिकारों को छीनने का प्रयास किया गया तो यह गुनाह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा .और डॉ. भीमराव  आंबेडकर स्टूडेंट ऐसोसिएशन द्वारा विश्वविद्यालय में बच्चों के अधिकारों को दिलवाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है.कार्यक्रम में कवि राजाराम ने शिक्षा से संबंधित गीत "अगर चाहे तो मूर्ख भी विद्वान् बन सकता है,शिक्षा कारण घोर पशु भी इंसान बन सकता है" की प्रस्तुति से वहां बैठे सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस अवसर पर असवा के प्रधान रविन्द्र चौहान,पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक रविन्द्र कुमार व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे. 

No comments:

Post a Comment