स्वास्थ्य बीमा योजना का दृश्य । |
पंच कार्ड का दृश्य । |
यह जानकारी देते हुए अतिरिक्त उपायुक्त पंकज चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जिला में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे 54 हजार परिवारों के लिए स्मार्ट कार्ड बनाए गए हैं। इन सभी परिवारों को स्मार्ट कार्ड जारी भी किए जा चुके हैं और जरूरतमंद परिवार स्मार्ट कार्डो के माध्यम से उक्त स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना के तहत जरूरतमंद व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए सिरसा जिला में नैशनल इंश्योरैंस कम्पनी से अनुबद्ध किया गया है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा 30 रुपए प्रति सदस्य बीमे का प्रीमियम नैशनल इंश्योरैंस कम्पनी में जमा करवाया जाता है। किसी भी बीपीएल परिवार या उनके सदस्यों से प्रीमियम के रूप में किसी प्रकार की अतिरिक्त धनराशि नहीं ली जाती। इस बीमा प्रीमियम राशि के आधार पर नैशनल इंश्योरैंस कम्पनी द्वारा परिवार के सभी सदस्यों का एक साल का 30 हजार रुपए की राशि का बीमा किया जाता है यानि सम्बन्धित परिवार में किसी भी सदस्य के बीमार होने पर उसके ईलाज के लिए 30 हजार रुपए तक का खर्चा बीमा कम्पनी द्वारा वहन किया जाता है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों के सदस्यों के ईलाज करवाने के लिए सरकारी अस्पतालों जिसमें सिरसा के सिविल अस्पताल, डबवाली, ऐलनाबाद व रानिया के अस्पतालों को शामिल किया गया है। इसके साथ-साथ जिला के विभिन्न शहरों के 35 अस्पतालों को भी अनुबंध सूची में शामिल किया गया है। इन अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा बीपीएल परिवारों के मरीजों का ईलाज किया जाता है। अब तक सिरसा जिला में एक हजार से भी अधिक बीपीएल परिवारों के लोग उक्त योजना का लाभ उठा सकते हैं जिनमें 455 महिलाएं और 545 पुरूष शामिल हैं। चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से स्थानीय सिविल अस्पताल में विशेष सर्जरी पैकेज नामक अनूठी योजना की भी शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों तथा शहरी निकाय विभाग द्वारा अधिसूचित शहरी मलिन बस्तियों के सदस्यों से आपे्रशन के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता। बीपीएल व अधिसूचित शहरी मलिन बस्तियों के सदस्यों को आप्रेशन के लिए आवश्यक दवाएं तथा उपकरण व अन्य सामान सरकारी अस्पतालों द्वारा मुहैया करवाया जाता है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए मरीजों को जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पतालों में आप्रेशन के लिए निजि क्षेत्र के अस्पतालों की तुलना में नाममात्र की राशि जमा करवानी होती है। आप्रेशन के लिए सरकारी अस्पताल में दाखिल होते ही मरीज को एक बार यह धनराशि जमा करवानी पड़ती है और उसके बाद सारी जिम्मेवारी अस्पताल प्रशासन की होती है।
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ReplyDeleteHii
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