सिरसा। 3 नवम्बर(सुनीत सरदाना) झुग्गी झोंपड़ी में रहने वाले व समाज से कटे हुए बच्चों के लिए सर्व शिक्षा अभियान क्या कर रहा है? क्या कंप्यूटर शिक्षा के लिए भी कोई अभियान चलाया जा रहा है? सर्व शिक्षा अभियान के प्रचार प्रसार हेतु गांवों में किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? इस प्रकार के अनेक सवाल श्रोताओं ने जिला परियोजना अधिकारी डा0 मधुबाला मित्तल से चौ0 देवीलाल विश्वविद्यालय के सामुदायिक रेडियो स्टेशन 90.4 एफ एम पर कार्यक्रम हैलो सिरसा के दौरान पूछे। उन्होंने कार्यक्रम में अपराजिता के साथ श्रोताओं की जिज्ञासाओं को शांत किया।
उन्होंने बताया कि सरकार इस अभियान के अन्तर्गत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देने पर जोर देती है तथा शिक्षा के स्तर को बढ़ाने का प्रयास भी किया जाता है। इस दौरान उन्होंने हाल ही में चलाए जा रहे राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का भी जिक्र किया। इसमें 9वीं तथा 10वीं कक्षा को भी शामिल किया है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह अभियान 2003-04 से शुरु किया गया। इससे पहले डीपीईपी की योजना सरकार द्वारा चलाई गई थी, जिसमें मात्र पहली से 5वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों का शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि बच्चों कों पढ़ाने के लिए उन्हें एकत्र करने हेतु सर्वे का सहारा लिया जाता है। इसी आधार पर विद्यालय में बच्चों का नामांकन किया जाता है।
डा0 मितल ने शिक्षा का अधिकार के बारे में बताया कि प्रारभिंक शिक्षा से पिछड़े बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार कक्षा में दाखिला मिलता है। यदि कोई बच्चा 10 वर्ष का है और अभी तक किसी प्रकार से शिक्षा से वंचित रहा है तो उसे पहली की बजाए चौथी कक्षा में दाखिला मिल जाता है। सर्वशिक्षा अभियान में मिलने वाली सुविधाओं के बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसमें आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को मुफ्त किताबें मिलती हैं। 2 किलोमीटर से अधिक दूरी से आने वाली लड़कियों को साईकिलें प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि भट्टा मजदूरों व झुग्गी झोंपड़ियों में शिक्षा से वंचित रहने वाले बच्चों के लिए अल्ट्रनेटिव एज्यूकेशन सैंटर चलाए जाते हैं,जिनमें कम समय में शिक्षा दी जाती है। इसके बाद इन बच्चों को मुख्य धारा में शामिल कर लिया जाता है। कंप्यूटर शिक्षा के बारे में परियोजना अधिकारी ने कहा कि अभियान के द्वारा 50-50 विद्यालयों का चयन करके उन्हें कंप्यूटर उपकरण उपलब्ध करवाए जाते हैं।
डा0 मित्तल ने बताया कि अनूसुचित जाति तथा अल्पसंख्यकों के बच्चों के लिए शैक्षणिक भ्रमणों का आयोजन किया जाता है। विभिन्न प्रकार की प्रश्नोतरी प्रतियोगिताओं के द्वारा भी उन्हें शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कार्यक्रम के अन्त में उन्होंने बताया कि योजनाओं का सही क्रियान्वयन एवं विभाग द्वारा दी जा रही सभी सुविधाओं की देखरेख का कार्य हमारे द्वारा ब्लॉक तथा जिला स्तर पर किया जाता है। ताकि योजनाओं का पूरा लाभ विद्यार्थियों को मिल सके। यही नहीं उन्होंने श्रोताओं से अपील की कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करें क्योंकि शिक्षा पर ही देश का भविष्य निर्भर है।
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