Monday, October 25, 2010

अब गरीबों को मिलेगा गेहूं 2 रुपये और चावल 3 रुपये में।

सिरसा, 25 अक्तूबर (मनप्रीत सिंह) :राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद् द्वारा जारी किये गए खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की स्थिति में अब सुधार होगा। यह कहना है सिरसा के सांसद डा. अशोक तंवर का ।अपने द्वारा जारी किये गए बयान में उन्होंने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा खाद्य सुरक्षा कानून की सिफारिशों का स्वागत किया है।

उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष से देश की 80 करोड़ की आबादी को सस्ते दाम पर खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने की घोषणा से सपष्ट है कि इससे लोगो का जीवन बेहतर होगा व जनता को महंगाई से राहत मिलेगी। राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्षा सोनिया गाँधी की यही दूरगामी सोच है कि गरीबों को खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे प्रत्येक परिवार को प्रतिमाह 35 किलोग्राम खाद्यान सस्ते मूल्यों पर उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा गैर बीपीएल परिवारो को भी हर माह सस्ती दर पर 20 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध होगा। इस परिषद द्वारा दिये गए खाद्य सुरक्षा के सुझाव को चरण बद्ध तरीके से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा।

तंवर ने कहा इस योजना से 90 फीसदी ग्रामीण व 50 फीसदी शहरी आबादी को लाभ मिलेगा। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों को गेहूं 2 रूपये प्रति किलोग्राम, चावल 3 रूपये प्रति किलोग्राम व बाजरा 1 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध करवाया जाएगा। सामान्य श्रेणी के परिवारो को हर माह 20 किलाग्राम अनाज समर्थन मूल्य से 50 फीसदी की दर से मिलेगा।

यूपीए सरकार किसान, मजदूर व कमेरे वर्ग की हितैषी है। सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना, कृषि ऋण माफी योजना के अनुसार गरीबों व किसानों को प्रोत्साहित किया है। सबको खाद्यान्न उपलब्ध करवाने की योजना से गरीबों  व किसानों को भरपेट भोजन मिलेगा। यह यूपीए सरकार की ही नीति है कि सबको काम, भोजन व रहने को मकान मिले। खाद्य सुरक्षा कानून के तहत जहां महगाई पर लगाम लगेगी वही आम आदमी को जीविका का सहारा भी मिलेगा।

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