Monday, October 4, 2010

भारतीय वायु सेना विश्व के सर्वोतम वायुसेनाओं में पहले स्थान पर ;- सब्बरवाल

ग्रुप कॅप्टन अनिल सब्बरवाल केंद्र निदेशक वीरेंद्र सिंह चौहान के साथ
सिरसा 4 अक्टूबर(सुनीत सरदाना)। भारतीय वायुसेना विश्व की श्रेष्ठतम वायुसेनाओं में शुमार है और वे देश के आकाश की रक्षा करते हुए किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। यह टिप्पणी वायुसेना स्टेशन सिरसा के कमांडर ग्रुप कैप्टन अनिल सब्बरवाल ने चौधरी देवीलाल विवि के सामुदायिक रेडियो पर कॉल- इन कार्यक्रम हैलो सिरसा में की। सामुदायिक रेडियो के केंद्र निदेशक वीरेन्द्र सिंह चौहान के साथ क्षेत्र के लोगों से रूबरू हुए अनिल सब्बरवाल ने भारतीय वायुसेना के अतीत व वर्तमान के साथ भावी चुनौतियों से दोचार होने की उसकी तैयारियों से जुड़े सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक प्रोद्यौगिकी से लैस और अपने समर्पित व दक्ष सैन्यबल के दम पर भारतीय वायुसेना ने वैश्विक स्तर पर बेजोड़ मुकाम हासिल किया है।आठ अक्तूबर को पड़ने वाले वायु सेना दिवस के संदर्भ में हुई इस बातचीत में वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी सब्बरवाल ने बताया कि आजादी के बाद से अब तक देश पर जब जब युद्ध थोपे गए, भारतीय वायुसेना ने अत्यंत प्रोफेशनल अंदाज में अपनी क्षमताओं का लोहा मनवाया। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के बाद जब जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी फौज कबाइलियों के वेश में श्रीनगर तक आ धमकी थी तो वायुसेना ने विकट व विपरीत स्थितियों के बीच भारतीय सेना को धुर मोर्चे पर पंहुचाने का चुनोतीपूर्ण कार्य बखूबी किया था। पैंसठ के युद्ध में लौंगेवाला के मोर्चे पर कई दर्जन पाकिस्तानी टैंकों की कब्रगाह बनाकर भारतीय वायुसेना ने दुश्मन के दिल्ली तक दस्तक देने के इरादों को नेस्तोनाबूद कर दिया था। गु्रप कैप्टन सब्बरवाल ने कहा कि उन्नीस सौ इकहत्तर की लड़ाई में पूर्व व पश्चिम दोनों ही मोर्चों पर वायुसेना ने उल्लेखनीय कार्य किया। उन्होंने कहा कि ले. जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष जन. नियाजी की अगुआई में हुए विश्व के  आज तक के सबसे बड़ा सैन्य समर्पण का आधार उसके चंद रोज पहले पूर्वी पाकिस्तान के गर्वनर निवास पर भारतीय वायुसेना के सटीक हमले ने तैयार कर डाली थी।
करगिल युद्ध में उत्तर के मोर्चे पर युद्ध में प्रतिभागिता कर चुके ग्रुप कैप्टन सब्बरवाल ने कहा कि कारगिल क्षेत्र में दुर्गम चोटियों पर चोरी छिपे आ जमे पाकिस्तानी सैनिकों व घुसपैठियों को उल्टे पांव भागने को विवश करने में वायुसेना की अहम भूमिका रही। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को सटीक ढंग से भेदने की भारतीय वायुसेना की तकनीकी क्षमता व सिद्धहस्तता किसी भी अन्य वायु सेना के मुकाबले इसे अद्वितीय बनाती है। चौहान के एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं में अधिकारियों पद रिक्त अवश्य हैं मगर मीडिया में आने वाले रिक्तियों संबंधी आंकड़े अक्सर सही नहीं होते। उन्होंने युवा पीढ़ी का आवहान किया कि वह वायुसेना में कॅरियर बनाने के लिए आगे आए।उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ऐसा कॅरियर प्रदान करती है जिसमें चुनौतियां व रोमांच तो है ही, देश के लिए कुछ कर गुजरने के अवसर भी आते हैं। उन्होंने कहा कि वायुसेना में पॉयलट के रूप में भर्ती के एनडीए व सीडीएस के रास्तों के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों की भी आवश्यकता होती है। इसके अलावा बड़ी संख्या में एयर मैन भी भर्ती किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब के निकटवर्ती नगर बठिंडा में जल्द एयरमैन की भर्ती के लिए रैली आयोजित होने जा रही है।एक श्रोता के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जल्द ही एयरफोर्स स्टेशन में सूर्य किरण के एयर शो सरीखा कोई आयोजन करने की योजना भी बनाई जाएगी।
ग्रुप कैप्टन सब्बरवाल ने कहा कि स्थानीय नागरिकों का सहयोग सिरसा एयर फोर्स स्टेशन को हमेशा प्राप्त हुआ है।उन्होंने  नागरिकों का आवाहन किया कि वे खराब खाद्य सामग्री खुले में न फेंकें चूंकि इन्हें खाने को उमड़ने वाले पंछी वायुसेना की उड़ानों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने नागरिकों को संदिग्ध व अजनबी लोगों की गतिविधियों पर पैनी निगाह रखने का आवावहन भी किया। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में इलाके के गांवों के लोगों के उनकी नियमित बैठकें भी होती है।
कार्यक्रम के बाद उन्होंने मीडिया सेंटर स्थित टीवी स्टूडियो व वेब कांफ्रेंसिंग सुविधा का मुआयना किया। स्टेशन कमांडर ने पत्रकारिता विभागाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान के साथ बातचीत में वायुसेना कर्मियों के लिए जनसंचार का कोई सर्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ करने की संभावनाओं पर भी विमर्श किया। इस अवसर पर शिक्षण सहयोगी सुरेंद्र व राम मेहर भी मौजूद थे। 


No comments:

Post a Comment