Saturday, October 16, 2010

वर्षों से अधर में लटकी ऑटो मार्केट का होगा विकास

सिरसा। लगभग अढ़ाई दशक से भी अधिक समय तक विवादों में घिरी रही ऑटो मार्केट के अब दिन जहां फिरने वाले हैं, वहीं अब तक जो ऑटो व्यवसायी ऑटो मार्केट में स्थान पाने से वंचित रह गए थे, उनकी आशाएं पूरी होती दिखाई देने लगी हैं। सिरसा की ऑटो मार्केट पर अपना-अपना अधिकार जताने वाले लोगों द्वारा पिछले लंबे समय से उच्च न्यायालय में की गई याचिकाओं को आज वापिस ले लिया। जिससे ऑटो मार्केट के विकास के दरवाजे पूरी तरह खुल गए हैं। उल्लेखनीय है कि सन 1983 में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री एंव सिरसा के विधायक लक्ष्मण दास अरोड़ा द्वारा ऑटो मार्केट का नींव पत्थर रखा गया था और कुछ समय बाद ऑटो मार्केट का व्यवसाय छुटपुट तरीके से आरंभ भी हुआ, लेकिन सही हकदारों को यहां स्थान नहीं मिला।  मंगत राय गगनेजा व चम्बा राम ने सरकार से इस जमीन का अधिक मुआवजा पाने के लिए न्यायालय से गुहार लगाई थी, क्योंकि ऑटो मार्केट के लिए इन्हीं की भूमि अधिगृहित की गई थी। वहीं हीरा लाल मिस्त्री तथा ऑटो मार्केट संघर्ष समिति सहित कुछ अन्य लोगों ने ऑटो मार्केट में प्लॉट न मिलने के कारण उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। ऑटो का व्यवसाय करने वाले कारीगरों को मार्केट में स्थान दिलाने के लिए ऑटो मार्केट संघर्ष समिति का गठन भी किया गया, जिसके बैनर तले ऑटो व्यवसायियों ने मार्केट में स्थान पाने के लिए समय-समय पर अपने-अपने ढंग से संघर्ष करते रहे थे। उक्त सभी केस दायर होने के बाद चौ. भजन लाल की सरकार बनी। इसके बाद चौ. देवीलाल, चौ. बंसीलाल, चौ. ओमप्रकाश चौटाला जैसे सरीके मुख्यमंत्री भी ऑटो मार्केट के विवाद को अपने स्तर पर सुलझाने में नाकामयाब रहे। वर्ष 2009 के अक्तूबर माह में हुए विधानसभा चुनावों में इतिहास बदलते हुए गोपाल कांडा आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और विधायक चुने गये। विधायक बनने के बाद वे हुड्डा सरकार में शामिल हुए और उन्हें गृह राज्य मंत्री सहित अन्य विभागों की जिम्मेवारी भी सौंपी गई। राज्यमंत्री गोपाल कांडा व उनके अनुज गोबिंद कांडा ने ऑटो व्यवसायियों को उनके हक दिलाने के लिए संघर्ष किया और वह इसमें पूरी तरह कामयाब रहे। गोपाल कांडा और गोबिंद कांडा के प्रयासों से मंगत राय गगनेजा, हजारा राम, चम्बा राम, हीरालाल मिस्त्री व ऑटो मार्केट संघर्ष समिति द्वारा उच्च न्यायालय से की गई अपील को वापिस ले लिया है। अब ऑटो व्यवसायियों और मिस्त्रियों को 27 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद ऑटो मार्केट के आबाद होने और उसमें स्थान मिलने की प्रबल आशाएं हो गई हैं। इसके अतिरिक्त जो ऑटो व्यवसायी और मिस्त्री प्लॉट पाने से वंचित रह गए थे, उनको भी इस मार्केट में प्लॉट दिये जाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके लिए सभी ऑटो मिस्त्री और ऑटो व्यवसायी कांडा बंधुओं के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं।

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